- MURTAZA's Newsletter
- Posts
- Simone Tata Success Story: एक टूरिस्ट बनके भारत आई महिला ने 70,000 करोड़ के बिजनेस को संभाला
Simone Tata Success Story: एक टूरिस्ट बनके भारत आई महिला ने 70,000 करोड़ के बिजनेस को संभाला
Simone Naval Tata एक स्विस मूल की भारतीय व्यवसायी महिला, सम्मानित टाटा परिवार के भीतर एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। ऊनका जन्म 1930 में स्विट्जरलैंड के जिनेवा शहर मे हुवा था। वहा की जिनेवा यूनिवर्सिटी मे उन्होंने अपना ग्रैजवैशन पूरा किया। 1953 मे वो भारत घूमने आई थी और यही बना उनकी लाइफ का टर्निंग पॉइंट। इस भारत यात्रा जे दौरान उनकी मुलाकात नवल टाटाजी से हुई जिनसे आगे जाकर 1955 मे उन्होंने शादी की। उसके बात वो पेरमनेंटली भारत शिफ्ट हो गई। सिमोन और नवल टाटा नोइल टाटा के जन्म दिया और उन्होंने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रतन टाटा की सौतेली माँ की भूमिका निभाई।
लक्मे ब्रांड को जॉइन किया
Simone Tata का बिजनस क्षेत्र में प्रवेश तब शुरू हुआ जब वह 1962 में लैक्मे बोर्ड में शामिल हुईं। उस समय, लैक्मे टाटा ऑयल मिल्स की एक मामूली सब्सिडीएरी कंपनी थी। कंपनी के भीतर उनकी ग्रोथ बड़ी तेही असे हुई। 1961 में वो लक्मे की मैनिजिंग डायरेक्टर बन गई और 1982 में चेयरपर्सन की भूमिका निभाई। सिमोन टाटा ने अपने नेतृत्व मे लक्मे को एक प्रमुख सौंदर्य प्रसाधन ब्रांड के रूप में आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
ट्रेंट लिमिटेड मे उनकी कामगिरी
लैक्मे में अपने योगदान के अलावा, सिमोन टाटा ने 30 अक्टूबर, 2006 तक ट्रेंट लिमिटेड के Non-Executive Chairman के रूप में कार्य किया। अपने बिजनस स्किल्स का प्रदर्शन करते हुवे उन्होंने इस अवधि को उनकी करियर का एक महत्वपूर्ण चैप्टर बना दिया। उन्होंने बिजनेस की जटिलताओं को समझकर ट्रेंट को एक बड़ा ब्रांड बना दिया।
Simone Tata का प्रभाव लैक्मे और ट्रेंट लिमिटेड से आगे बढ़ गया था। 1989 में, उन्होंने अपने स्ट्रटीजिक थिंकिंग और लीडरशिप के दम पर टाटा इंडस्ट्रीज के बोर्ड में एक प्रतिष्ठित स्थान पा लिया था।
लक्मे ब्रांड को बेज दिया
रीटेल क्षेत्र में संभावनाओं को पहचानते हुए, Simone Tata ने 1996 में एक बड़ा कदम उठाया। विकास के अवसरों को स्वीकार करते हुए, उन्होंने पूरी प्लैनिंग के साथ लैक्मे ब्रांड को हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड (HUL) को बेच दिया। इस बिक्री से प्राप्त हुवे पैसे से का उपयोग उन्होंने ट्रेंट को एक बड़ा ब्रांड बनाए के लिए किया। और भारत के रीटेल मार्केट मे ट्रेंट लिमिटेड को एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया। लक्मे के साथ हुई इस बिजनेस डील का फायदा शेयरहोल्डर्स को भी हुआ था। उनको ट्रेंट लिमिटेड अपनी भागीदारी मिल गई थी।
ट्रेंट लिमिटेड के भीतर अन्य ब्रांड का जन्म हुवा
ट्रेंट लिमिटेड का मार्केट कैपिटलिज़ैशन आज की तारीख मे 7.68 बिलियन डॉलर है। ट्रेंट लिमिटेड Simone Tata की विरासत की आधारशिला बन गया था। ट्रेंट लिमिटेड के भीतर बोहोत सारे ब्रांडस आते है जैसे की लैंडमार्क जो रक एक प्रसिद्ध बुक स्टोर है, वेस्ट्साइड जो एक फैशन ब्रांड है। और जुडीओ लो नाम तो सुनाही वो भी के एक टाटा ब्रांड है जो सस्ते फैशन ब्रांड के रूप मे जाना जाता है। अन्य ब्रांड जैसे मीसबू, स्टार बाजार यह भी ट्रेंट के ब्रांड है। सिमोन टाटा जी ने 30 अक्टूबर 2006 तक ट्रेंट लिमिटेड के Non-executive chairman के रूप में कार्य किय और बिजनेस जगत से अलविदा ले लिया।
Simone Tata की लेगसी जारी रखी
Simone Tata की विरासत उनके बेटे नोएल टाटा के माध्यम से जीवित है, जिन्होंने टाटा समूह के भीतर प्रमुख नेतृत्व भूमिकाएँ निभाई हैं। टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन और ट्रेंट लिमिटेड दोनों के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए, नोएल टाटा के पास अपनी मां से विरासत में मिला अनुभव और बिजनेस कवालिटीस के साथ टाटा के साम्राज्य को आगे बढ़ा रहे है।
कन्क्लूजन
Simone Tata की स्विट्जरलैंड से भारत तक की यात्रा, लैक्मे ब्रांड की सक्सेस में उनकी भूमिका और उसके बाद टाटा इंडस्ट्रीज और ट्रेंट लिमिटेड के साथ जीत ने उन्हें एक मजबूत व्यवसायी महिला के रूप में प्रदर्शित करती है। भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में टाटा ब्रांड गहराई से सबके दिल मे बस हुवा है। और ऐसे बड़े ग्रुप की मुखिया के रूप में सिमोन टाटा जी के योगदान काबिले तारीफ है। और हम सबके के लिए एक Inspiration है की आप जन्म कही भी हुवा हो। आप अपनी मेहनत और लगन से कीसी भी क्षेत्र मे अपने सक्सेस की कहानी लिख सकते हो।