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Raksha Bandhan: सौ साल बाद रक्षाबंधन पर बन रहा पंचमहायोग, जानें क्या होगा लाभ
Raksha Bandhan:आज सौ साल बाद रक्षाबंधन के पर्व पर पंचमहाययोग बना है। ये पंचमहायोग बेच देगा प्यार। भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन बुधवार को बुधादित्य योग, राजयोग, घनिष्ठा नक्षत्र और विभिन्न योगों के साथ धूमधाम से मनाया जा रहा है। ज्योतिषियों के मुताबिक, त्योहार पर योग और भाग्य का संयोग भी कुछ खास है। रक्षाबंधन पर बनने वाला यह योग भाई-बहन के बीच प्रेम को भी बढ़ाएगा।
चंद्रमा और शनि, सूर्य और बुध की युति सौ वर्ष से भी अधिक समय बाद हुई है। सूर्य अपनी राशि सिंह में, शनि अपनी राशि कुंभ में, बृहस्पति अपनी शुभ राशि मेष में, बुध अपनी राशि सिंह में स्थित है। पंचमहाययोग बनने से यह योग प्रेम को भी बढ़ावा देगा। जानिए रक्षाबंधन पर्व का सही समय- श्रावण शुक्ल पूर्णिमा का व्रत बुधवार सुबह 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर परसों गुरुवार सुबह 7 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। पूर्णिमा की शुरुआत के साथ ही भद्रा भी शुरू हो जाएगी।
रक्षाबंधन की रात 9.02 बजे तक भद्रा रहेगी। पंडित घनश्याम दास स्वर्णकार ने बताया कि रक्षाबंधन 30 अगस्त की रात्रि में भद्रा के बाद करना शास्त्र सम्मत है। शास्त्रों में भद्रा अवधि को अशुभ समय माना गया है। रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त रात 9.02 बजे से 12.28 बजे तक रहेगा। रात के समय राखी बांधने के लिए कम समय देना पड़ सकता है। ऐसे में यह प्रतियोगिता कल भी मनाई जा सकती है।