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List of Devi Navaratri: नव दुर्गा के 9 नाम कौन-कौन से हैं?
स्वागत है आपका हमारे एक और बेहतरीन आर्टिकल में, आज के इस आर्टिकल में हम बात करने जा रहे हैं, नवदुर्गा के नौ नाम कौन-कौन से हैं (List of Devi Navaratri). इतना ही नहीं हम देखेंगे की नवरात्रि के नौ दिनों में किस दिन कौन सी देवी को अर्पित रहता है, और किस दिन किस देवी की पूजा अर्चना की जाती है सर्वप्रथम हमें दुर्गा सप्तशती ग्रंथ के अंतर्गत देवी कवच स्त्रोत में निम्नलिखित श्लोक में नवदुर्गा के नाम वर्णित मिलते हैं जो कुछ इस प्रकार है-
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।।पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम् ।।नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना ।।
देवी दुर्गा के कुल 9 रूप होते हैं, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है. चलिए एक-एक करके नवदुर्गा के 9 रूपों पर चर्चा करते हैं.
List of Devi Navaratri
शैलपुत्री: List of Devi Navaratri
दुर्गा मां का पहला रूप शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है, और इन्हें ही नवदुर्गा में से प्रथम दुर्गा कहा जाता है. इनका नाम शैलपुत्री इसलिए पड़ा था, क्योंकि इन्होंने पर्वत राज हिमालय के पुत्री के रूप में जन्म लिया था. नवरात्र के पूजन कार्यक्रम में प्रथम दिन इन्हीं और अर्चना की जाती है, और उनके नाम का उपवास भी रखा जाता है. अगर उनके सवारी पर एक नजर डालें तो वह वृषभ है और इसीलिए यह देवी वृषारूढ़ा के नाम से भी जानी जाती है. उनके दाएं हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में कमल है और इन्हें ही सती के नाम से भी जाना जाता है प्रथम रूप जाना जाता है.
ब्रह्मचारिणी: List of Devi Navaratri
नवरात्र पर्व के दूसरे दिन को ब्रह्मचारिणी मां समर्पित किया जाता है, और उनकी पूजा अर्चना की जाती है. अगर हम ब्रह्मचारिणी का संधि विच्छेद करें, तो देख पाएंगे कि ब्रह्मा का अर्थ तपस्या होता है, और चरणी का अर्थ आचरण करने वाली और इस प्रकार ब्रह्मचारी का अर्थ तब का आचरण करने वाली होता है. इन्होंने भगवान शंकर को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की थी. और इस तपस्या के कारण ही इस देवी को तपश्चारिणी मतलब ब्रह्मचारिणी के नाम से जाना जाता है. इतना ही नहीं ऐसा भी कहा जाता है कि ब्रह्मचारिणी मां की कृपा से सब सिद्धि प्राप्त होती है.
चन्द्रघण्टा: List of Devi Navaratri
नवदुर्गा में तीसरी मां चंद्रघंटा देवी होती हैं, नवरात्रि के तीसरे दिन इनकी पूजा और उपासना की जाती है. और ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन साधक का मन मणिपूर चक्र में प्रविष्ट होता है ऐसी मान्यता है कि इस देवी की कृपा से सड़क को अलौकिक वास्तु के दर्शन होते हैं.
कूष्माण्डा: List of Devi Navaratri
नवरात्र पूजन का चौथा दिन कूष्माण्डा मां के चरणों में समर्पित होता है. और भक्तगण चौथे दिन इन्हीं की पूजा अर्चना धूमधाम से करते हैं. यह मां अपनी मंद हंसी के द्वारा ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कुष्मांडा नाम से जाना जाता है ऐसा कहा जाता है कि जब सृष्टि नहीं थी चारों तरफ अंधकार था, तब इस देवी ने ही ब्रह्मांड की सरचना की थी.
स्कंदमाता: List of Devi Navaratri
नवरात्रि का पांचवा दिन स्कंदमाता के चरणों में समर्पित होता है, यह मोक्ष के द्वार खोलने के लिए जानी जाती हैं यह मां अपनी भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं. स्कंदमाता की कुल चार भुजाएं होती है यह दाएं तरफ की ऊपर वाली भुजा से स्कंध को गोद में पड़े हुए दिखती हैं. नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प लिए हुए हैं बिन तरफ ऊपर वाली भुजा में वरद मुद्रा में है और नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प शोभित है.
कात्यायनी: List of Devi Navaratri
मां दुर्गा के छठे स्वरूप का नाम कात्यायनी मां के रूप में जाना जाता है, इस दिन साधक का मन आज्ञा चक्र में पाया जाता है .इतना ही नहीं योग साधना में इस आज्ञा चक्र को बहुत महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया गया है, और उनकी पूजा अर्चना काफी धूमधाम से की जाती है.
कालरात्रि: List of Devi Navaratri
मां दुर्गा जी की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से पूरे जगत में विख्यात है. दुर्गा पूजा के सातवें दिन कालरात्रि की विधि विधान के अनुसार की जाती है और इस दिन साधक का मन सहस्त्रासर चक्र में स्थित रहता है इसके लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियां के द्वार खुलने लगते हैं यह तमाम आसुरी शक्तियों का विनाश करने के लिए जानी जाती हैं
महागौरी: List of Devi Navaratri
मां दुर्गा की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है, आठवीं दिन इनकी पूजा अर्चना विधि विधान के अनुसार की जाती है उनके नाम से प्रतीत होता है. कि इनका रूप पड़ता है गौर शब्द है. इतना ही नहीं इनकी उपमा शंखचंद्र और कुंड के फूल से दी गई है वहीं उनकी आयु 8 वर्ष की मानी गई है. इनके आभूषण और वस्त्र श्वेत हैं इसीलिए इन्हें श्वेत्तांबर धारा भी कहा गया है इनकी भी चार भुजाएं हैं.
सिद्धिदात्री: List of Devi Navaratri
मां दुर्गा की नवी शक्ति को सिद्धिदात्री मां के रूप में माना जाता है. यह सभी प्रकार से मानव को सपने वाली मानी जाती हैं. नवरात्र के नव दिन धूमधाम से उनकी पूजा अर्चना की जाती है, और महिलाएं उनकी विधि विधान से उपासना भी करती हैं. और यदि इस दिन शास्त्री विधि विधान से पूजा और अर्चना की जाए तो, व्यक्ति को सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है. इनके दाहिने वाले हाथ जो कि नीचे की तरफ है उसमें चक्र वाले हाथ में गदा तथा बाई तरफ के नीचे वाले हाथ में चक्र और ऊपर वाले हाथ में कमल का पुष्प पाया जाता है.
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