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Ganga Ram Hospital Hand Transplant: ट्रेन हादसे में शख्स गवा दी थी अपने हाथ, डॉक्टर ने कर दिया चमत्कार!
Ganga Ram Hospital Hand Transplant: इन दिनों इंटरनेट पर गंगा राम अस्पताल का एक चमत्कार काफी ज्यादा सुर्खियों में है। सोशल मीडिया पर हर तरफ गंगाराम अस्पताल के चमत्कार का चर्चा हो रहा है। लोग हैरत में है कि आखिर यह कैसे पॉसिबल है। सभी लोग गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर और इस अस्पताल का तारीफ कर रहे हैं। इस अस्पताल में दिल्ली का पहला सफल हैंड ट्रांसप्लांट किया गया है। इसे मेडिकल की दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल ने अनोखा कारनामा किया है। सर गंगाराम अस्पताल ने जो कारनामा किया है। वो मेडिकल इतिहास में उसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। आने वाले समय में अब मेडिकल साइंस को काफी ज्यादा मदद मिलने वाली है। यदि आप भी इस खबर को पूरा विस्तार में जानना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल के अंत तक बने रहें तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
Ganga Ram Hospital Hand Transplant
दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में 45 वर्षीय राजकुमार के दोनों हाथ का प्रत्यारोपण कर उसे नई जिंदगी दी है। राजकुमार ने एक ट्रेन हादसे में अपने दोनों हाथ गवा दिए थे। अस्पताल के प्रयास से वह दोनों हाथ वापस का लिए हैं। सर गंगा राम अस्पताल मगरा डॉक्टर की टीम ने इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया पैसे से पेंटर राजकुमार ने साल 2020 के ट्रेन हादसे में अपने दोनों हाथ को दिए थे।
इसके बाद उसका रोजगार छिन गया और उसकी आर्थिक स्थिति की बहुत कमजोर हो गई। अवसर गंगाराम अस्पताल में राजकुमार को नई जिंदगी दी है अब उनके दोनों हाथों ने वापस मिल गए हैं। राजकुमार बुरी तरह से लाचार हो गया था और उनसे बेहतर जीवन जीने की सारी उम्मीदें खो दी थी। ऐसे वक्त में धरती पर भगवान का रूप माना जाने वाला डॉक्टर ने राजकुमार को नया जीवन दिया सफलतापूर्वक हैंड ट्रांसप्लांट के बाद अब राजकुमारी एक बार फिर से व्रत थमते हुए पेंटिंग के सपनों को साकार कर सकेगा।
गंगा राम हॉस्पिटल ने बनाया इतिहास
आपको बता दूं कि साल 2023 में सर गंगा राम अस्पताल को हाथ ट्रांसप्लांट करने की परमिशन मिली थी। इसके बाद अस्पताल ने राजकुमार के लिए नए हाथों की तलाश करनी शुरू कर दी इसी प्रयास में राजकुमार और अस्पताल को बड़ी सफलता मिली। दिल्ली निवासी एक प्रतिष्ठित स्कूल की एडमिनिस्ट्रेटिव हेड मीणा मेहता का ब्रांडेड घोषित कर दिया गया था। मीणा ने जिंदा रहते हुए अपने अंगों को दान करने की घोषणा की थी और अपने अंगों को किसी दूसरे के लिए इस्तेमाल की आदत दी थी।
मीणा की किडनी लीवर और कॉर्निया ने तीनों लोगों का जान बदल दिया और उसके हाथ में एक पेंटर की किस्मत बदल दी इसके बाद सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने ब्रांडेड घोषित की गई महिला के अंग का इस्तेमाल करते हुए बिलैटरल हैंड ट्रांसप्लांट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
काफी मुश्किल है यह हैंड ट्रांसप्लांट
आपको बता दूं कि यह कार्य काफी जटिल होता है। यह अत्यधिक जटिल सर्जरी 12 घंटे तक चली इस दौरान हड्डियों धमनियों नसों मांसपेशियों और त्वचा सहित विभिन्न घटकों को नाजुक ढंग से फिर से जोड़ा गया बिना किसी इन्फेक्शन के अब राजकुमार की खबर हो गए हैं। देश भर के लोग दिल्ली के डॉक्टर के टीम को बधाई दे रहे हैं। आपको बता दूं कि ट्विटर पर अभी यह खबर काफी तेजी से वायरल हो रहा है, लोग इसे एक चमत्कार बता रहे हैं।